राजस्थान के प्रमुख संत एवं संत संप्रदाय | Rajasthan history important questions

By | January 17, 2023

राजस्थान के प्रमुख संत एवं संत संप्रदाय
Rajasthan history important questions
राजस्थान के प्रमुख संत एवं संत संप्रदाय Rajasthan History important Questions
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« संत जांभोजी »
⇒ मूल नाम         – धनराज
⇒ उपाधि            –  विष्णु का अवतार
⇒ जन्म               – 1457
⇒ पिता का नाम  –  लोहार
⇒ माता का नाम  – मनसा देवी

जांभोजी के द्वारा 1485 में विश्नोई संप्रदाय की स्थापना की गई 29 नियम है इसकी स्थापना समराथल बीकानेर 1528 इसी में जांभोजी ने मुकाम बीकानेर में उपाधि ली समाधि—–
इन की प्रमुख रचनाएं धर्म प्रकाश सागर जन्म संहिता वैष्णव संप्रदाय के 8 दाम है — पिपासर नागौर मुकाम बीकानेर जांबा जोधपुर जगनू बीकानेर रामदास जोधपुर लालसर बीकानेर रोड टू नागौर लोदीपुर मुरादाबाद

« संत जसनाथ जी »
जन्म 1482 { कतरियासर बीकानेर }
लालन-पालन हमीर – रूपादे

इनके द्वारा जसनाथी संप्रदाय की स्थापना की गयी जिसके 36 नियम है

इस समुदाय में अग्नि नृत्य किया जाता है
उनके उपदेश सिबुडारा व कोड़ा में संगृहीत है |
जशनाथी सम्प्रदाय के पांच पीठ हे
1.पुछला नागौर
2.मालासर
3.उरनासर चुरू
4.बमला बीकानेर
5.लिखमादेसर बीकानेर
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« संत दादू  »
⇒ जन्म-1544 अहमदाबाद
⇒ इन्हें राजस्थान का कबीर कहा जाता है
⇒ लोदीराम – कबीर इनको संदूक में नदी में बहते हुए मिले थे
⇒ शिष्य — 152 इसमें से 52 महत्वपूर्ण थे इस लिए इन्हे { बावन सतम्भ } कहा जाता हे
⇒ प्रथम उपदेश — 1568 सांभर जयपुर
⇒ दादू पथ की स्थापना — 1574 नारायणा नरेणा | जयपुर
⇒ 1585 में अकबर से मुलाकात — फतेहपुर सिकरी में

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